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चरन सिंह
बरेली - भीषण गर्मी के चलते परिषदीय स्कूल के बच्चों का हाल बेहाल हो चुका है अब लगातार बच्चों की संख्या विद्यालय में बढ़ती जा रही है कक्षा कक्षों में 50% से ऊपर तक की संख्या निरंतर बनी हुई है बढ़ते हुए तापमान में जहां शिक्षक तो बेहाल हैं ही वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों का भी बहुत बुरा हाल है अधिकतर विद्यालयों में यही स्थिति बनी हुई है कुछ विद्यालयों में जहां पेड़ पौधे परिसर में लगे हुए हैं वहां थोड़ी गनीमत है लेकिन जहां परिसर की अल्पता है तथा पेड़ पौधे भी नहीं है वहां इस भीषण गर्मी में हालात बहुत भयंकर हैं उच्च प्राथमिक विद्यालय जोगीठेर में बच्चों की संख्या 732 है तथा यहां खेल का मैदान भी नहीं है पेड़ भी कम ही लगे हुए हैं इस स्थिति में प्रत्येक कक्षा विद्यार्थियों से खचाखच भरी रहती है प्रतिदिन दर्जनों के हिसाब से बच्चे डिहाइड्रेशन, सिर दर्द, चक्कर आना, बेहोश होना आदि समस्या से ग्रसित हो रहे हैं कुछ बालिकाओं ने गृह शिल्प के तहत हस्त निर्मित पंखे बनाए हैं वहीं कई बालकों ने मोबाइल की बैटरी से एवं सूर्य के प्रकाश से चार्ज होने वाली बैटरी से संचालित जीरो बैलेंस के माध्यम से इंजेक्शन पुरानी सी डी टूटी हुई खिलौना गाड़ी बेकार बल्ब का आगे का हिस्सा और छोटे तार के माध्यम से पंखे बना लिए हैं जो विद्यालय में स्वयं भी प्रयोग करते हैं तथा विज्ञान प्रयोगशाला की शोभा की बढ़ाते हैं।

पूर्व माध्यमिक विद्यालय जोगीठेर के प्रधानाध्यापक लाल बहादुर गंगवार ने इन पंखों की बारीकियों को समझते हुए पंखा बनाने वाले कक्षा 8 के बच्चे रोहित और भानु के इस कार्य की प्रशंसा की एवं विद्यालय की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया। कक्षा अध्यापिका दीपा गुप्ता की प्रेरणा से अन्य विद्यार्थी भी इस कार्य में जुट गए हैं विज्ञान की शिक्षिका रेनू गंगवार तथा गीता यादव ने विज्ञान प्रयोगशाला में इसको स्थान दिया है खंड शिक्षा अधिकारी ने भी विद्यार्थियों के इस रचनात्मक कार्य की प्रशंसा की है विद्यालय के अध्यापक रमेश सागर, आकांक्षा रावत, नीलम सक्सेना, मीनू रस्तोगी, रुखसाना बेगम, बेबी तबस्सुम सुधांशु कुमार , रिम्पल सिंह, अनिल कुमार शर्मा, रुचि दिवाकर, गौरव गंगवार आदि ने बच्चों को प्रोत्साहित किया।