Saturday, 12-07-2025
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शिक्षिका की पहल लाई ड्रॉपआउट बच्चे के जीवन में रोशनी

स्कूल समय के बाद शिक्षिका पुष्पा अरुण शिक्षा से वंचित बच्चों को अतिरिक्त समय देकर ला रही है उनके जीवन में शिक्षा की रोशनी

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सूरज मौर्य टाइमलाइन न्यूज़ हिंदी संवाददाता

बरेली 16 अगस्त 2023 सरकार के तमाम प्रयास करने के बावजूद भी कुछ बच्चों तक आज भी शिक्षा की रोशनी नहीं पहुंच पाती। कारण घर की जिम्मेदारी या अभिभावकों में जागरूकता की कमी। ऐसा ही एक गांव है चनेहटा, जहां प्राथमिक विद्यालय चनेहटा की शिक्षिका हैं पुष्पा अरुण जोकि स्कूल टाइम में स्कूल में शिक्षण कार्य करती हैं यदि हम पुष्पा अरुण की बात करें तो वह पपेट और गुड़ियों के माध्यम से भी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए मशहूर है शिक्षा के उन्नति के लिए लगातार नए-नए प्रयास करती रहती हैं कक्षा के छात्र-छात्रा निपुण लक्ष्य प्राप्त करने की ओर है, ऐसी ही इन्होंने एक नई पहल की शुरुआत की है जोकि उन बच्चों के जीवन में रोशनी लाने का काम कर रही है जो बच्चे पारिवारिक जिम्मेदारियां के कारण शिक्षा से वंचित हो जाते हैं


जब हमने शिक्षिका पुष्पा अरुण से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल खुलने के साथ ही बच्चों का एडमिशन हुआ। परिवार सर्वेक्षण के बाद आउट ऑफ स्कूल या माइग्रेट बच्चों की पहचान हुई, तथा कक्षा में पढ़ने वाले कुछ बच्चों में लर्निंग गैप की समस्या को देखते हुए उन्होंने रिमेडियल क्लासेस लगनी शुरू की।


पहले तो अध्यापिका पुष्पा अरुण गांव में एक घर में लगती थी जो की स्कूल की छुट्टी के बाद अतिरिक्त समय देकर बच्चों को शिक्षा देने का कार्य करती थीं बाद में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली से परमिशन लेने के बाद छुट्टी के बाद प्राथमिक विद्यालय में ही लगने लगी। शिक्षा पुष्पा अरुण का सहयोग गांव के रहने वाले विशाल करते हैं जोकि एक विद्यार्थी हैं पुष्पा अरुण बताती हैं कि इससे फायदा यह हुआ कि जो बच्चे किसी कारणवश कभी भी स्कूल नहीं आए वह अध्यापक से जुड़े और अपनी बातों को खुलकर अध्यापक के समक्ष रख पाए विद्यालय आने से जो बच्चे डरते थे उनका डर खत्म हुआ और जो बच्चे क्लास में पूछने से हिचकिचाते थे वह स्कूल के बाद जब शिक्षिका कक्षा लगती हैं तो उसमें आराम से खुलकर पूछ लेते हैं लर्निंग गैप था वह धीरे-धीरे भर रहा है और बच्चों को भी सीखने में बहुत मजा आता है वह बच्चे इंजॉय करते हुए पढ़ाई करते हैं।


बच्चे धीरे-धीरे शिक्षिका के साथ खुलने लगे और बहुत सारी एक्टिविटी भी करने लगे हैं इस पहल से वह बच्चे जो शिक्षा से दूर हो रहे थे अबे विद्यालय की तरफ रुख करने लगे हैं उनकी झिझक डर खत्म होने लगा है, शिक्षिका पुष्पा अरुन की इस पहल को लोगों ने बहुत सराहा है उनकी इस पहल से ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या लगभग खत्म हो गई है सभी बच्चे शिक्षा से जुड़ गए हैं अबे लगातार शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।



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