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बरेली - विकल्प संस्था द्वारा क्यारा ब्लाक के सहसिया गांव में भूगर्भ जल संचयन के निमित्त तालाब निर्माण लिए पिछले 39 दिन से चल रहे श्रमदान के अंतिम दिन अमित पंत के नेतृत्व में सिविल डिफेंस के साथी तथा डॉ प्रदीप के नेतृत्व में जागर संस्था के साथियों ने भी श्रमदान किया।

सभी लोग संस्था द्वारा ही 2016 में पुनर्जीवित किए गए तालाब को देखने भी गये। डिप्टी डिवीजन वार्डन अमित पंत ने श्रमदान कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि श्रमदान के साथ-साथ गांव के बच्चों की टीम जल गुल्लक का गठन कर उनको प्रशिक्षित कर राज नारायण ने भविष्य में ऐसे अनेकों तालाब तैयार करने की भूमिका रख दी है।

डॉ प्रदीप ने गिरते भूजल स्तर को बरकरार रखने के लिए विकल्प संस्था की इस पहल की प्रशंसा की और तालाब के चारों और विकसित होने वाले पंडित राम प्रसाद बिस्मिल पार्क में वृक्षारोपण के लिए आने का वायदा किया।

गौरव सेनानी संगठन के शिशुपाल मौर्य ने गांव के बच्चों की टीम जल गुल्लक को देश भक्ति के गीत याद कराए। संस्था अध्यक्ष राज नारायण ने बताया कि जितना गहरा तालाब खोद लिया गया है उससे ही लाखों लीटर पानी भूगर्भ में प्राकृतिक रूप से स्वच्छ होकर पहुंच जाएगा। राज नारायण ने आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए पिछले 40 दिनों से चल रहे नियमित श्रमदान कार्यक्रम के समापन की घोषणा की और कहा की पार्क विकसित करने के लिए साप्ताहिक श्रमदान जारी रहेगा। राज नारायण गांव के वेटलैंड को डंपिंग ग्राउंड में तब्दील कर कूड़ा डालने के लिए नगर निगम की आलोचना की और कहा कि नगर निगम अविलंब यहां से कूड़ा वापस उठा ले, नहीं तो हमें भी गांव के बच्चों के साथ सत्याग्रह पर बैठना होगा।

आज के श्रमदान कार्यक्रम में हरीश भल्ला, गीता शर्मा, साबिर सहन खान, सुनील वर्मा, विशाल सक्सेना, लवनीश भटनागर, नीरज संघर्षी, निशी, पूर्णिमा , नीलम अग्रवाल, कृतिका, करिश्मा, सविता गोपाल तथा गांव के 25 से अधिक बच्चों ने भाग लिया ।

आपको बता दें पिछले 40 दिन से तालाब पर श्रमदान कर तालाब को पुनर्जीवित करने का कार्यक्रम सविता के नेतृत्व में चल रहा था अगर सविता की बात करें तो 2016 में सिरसिया हुसैनपुर गांव में श्रमदान के द्वारा एक और तालाब को पुनर्जीवित किया गया जिसमें सविता ने स्वयं श्रमदान करके इस तालाब को पुनर्जीवित करने का कार्य किया उसके बाद विवाह उपरांत सविता एक दुर्घटना में अपने पैरों से चलने लायक नहीं रही, सविता को जब पता चला कि श्रमदान के द्वारा सहसिया गांव के एक और तालाब को पुनर्जीवित करने का काम किया जा रहा है तो वह लगातार 40 दिन तक व्हीलचयर पर आकर देखने करती रही ऐसा संस्था के अध्यक्ष राज नारायण गुप्ता के द्वारा अवगत कराया गया, सभी समाजसेवियों ने सविता के हौसले को सराहा और जल्द स्वस्थ होने की कामना की।