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बरेली - राष्ट्रीय मध्यान भोजन रसोईया कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन शाखा जनपद बदायूं के द्वारा पूर्व निर्धारित बैठक शहीद स्मारक पार्क जनपद बदायूं बैठक हुई।बैठक में बोलते हुए संगठन के राष्ट्रीय विधिक सलाहकार एडवोकेट श्री गौरव यादव के कनिष्ठ अधिवक्ता मोहित ने बताया कि माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी व अर्द्ध सरकारी प्राइमरी स्कूलों मे मिड-डे मील (MDM) बनाने वाले रसोइयों के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला देते हुए सभी रसोइयों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का निर्देश सरकार को दिया है. रसोइयों से एक – दो हजार रूपये वेतन देने को कोर्ट ने माना कि सरकार रसोइयों से बंधुआ मजदूरी करा रही है । जिसे संविधान के अनुच्छेद 23 में प्रतिबंधित किया गया है।

सरकार न्यूनतम वेतन से कम वेतन नहीं दे सकती.यह महत्वपूर्ण फैसला न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने रसोइया चंद्रावती देवी की याचिका को स्वीकार करते हुए 15 दिसंबर को दिया है.कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मिड-डे-मील बनाने वाले प्रदेश के सभी रसोइयों को न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत निर्धारित न्यूनतम वेतन का भुगतान सुनिश्चित करे. कोर्ट ने सभी जिलाधिकारियों को इस आदेश पर अमल करते हुए सभी रसोइयों को न्यूनतम वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है. और केंद्र व राज्य सरकार को चार माह के भीतर न्यूनतम वेतन तय कर 2005 से अब तक सभी रसोइयों को वेतन अंतर के बकाये का निर्धारण करने का आदेश दिया है।

देश के समस्त प्रदेशों के आदेशों का अध्ययन करने के उपरांत संगठन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा रही है जिसके लिए आवश्यक दस्तावेजों एकत्रित किए जा रहे है।राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मृदुलेश यादव ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को लागू कराने को प्रत्येक रसोइया जिलाधिकारी को पत्र देंगी। हर रसोइया को प्रतिदिन 415 रूपया वेतन मिलेगा और 15 साल का बकाया भी मिलेगा।संगठन सड़क,संसद, न्यायालय तक संघर्ष के लिए तैयार है मंडल संयोजक बृजभूषण ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश से रसोइयों की जिन्दगी बदल जाएगी। उन्होंने सभी रसोइयों से संगठन में शामिल होकर संघर्ष आगे बढ़ाने की अपील की है।

कार्यक्रम में सुनीता, ईश्वर देवी,आशा मुन्नी देवी, जलधारा, संगीता, प्रेमवती, सुशीला, राज दुलारी, मोर कली, रामा देवी, सावित्री, सुकमा, रेशमा, सोमवती, जगबीर, गंगा देवी, रामवती, पीतम,रामप्यारी, सरोज, भगवान देवी, दुर्गेश, नन्ही, मोहनलाल , संगीता, राजपाल, रजनीश, रेखा, शीला, कांति, भूरी, तुलसी, कन्यावती, सीमा, पिंकी, कुसमा, गंगा देवी, भगवान देवी, सर्वेषा, सुषमा, बिमला, राधा, मोरकली, मुन्नी देवी, राम दुलारी , सरस्वती, विठोलादेवी, मानमती, अनेक श्री, रामवती, सोमवती, शरबती, पिंकी, मधुबाला, समेत दर्जनों रसोइया मौजूद रहीं।