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प्रयागराज- उत्तर प्रदेश मिड डे मील वर्कर्स यूनियन सम्बद्ध ऐक्टू के राज्यव्यापी आह्वान पर प्रयागराज में धरना स्थल, सिविल लाइंस में कड़कड़ाती ठंड और बरसात में भी रसोइयों ने शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक तरीके धरना प्रदर्शन किया,
धरने को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश मिल डे मील वर्कर्स
यूनियन की जिला संयोजिका प्रयागराज श्रीमती नीलम निषाद ने कहा कि मिड डे मील वर्कर्स (रसोइया) को देने के लिए सरकार के पास देने के लिए कुछ नही है, माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश दिनांक 15 दिसम्बर 2020 का अनुपालन करने के बजाय मात्र 500 रू की बढ़ोत्तरी की घोषणा की गईं है, जो किसी भी रसोइया को परिवार चलाने के लिए बहुत ही कम है, हमारा 1500 रू मासिक भुगतान भी हमें समय से नही दिया जाता है, हम सब से जाड़े गर्मी बरसात में बच्चों के भोजन बनवाने के साथ ही स्कूलो में झाड़ू पोछा, शौचालय भी साफ़ करवाया जाता है।
धरने का समर्थन करते हुए ऐक्टू राष्ट्रीय सचिव डॉ कमल उसरी ने कहा कि कोरोना संकट के समय इन्हीं रसोइयों ने कोरेनटाइन सेंटर पर अपने जीवन की परवाह किए वगैर रातदिन भोजन मनाया, सरकार को इन्हें कोरोना वैरियर्स का सम्मान देते हुए सरकारी कर्मचारी का दर्जा देना चाहिए,
धरने में मुख्य रूप से नीलम निषाद, मंजू देवी, गोदावरी, रेणु मीरा, रोजी, प्रदीप ओबामा, डॉ कमल उसरी इत्यादि लोग उपस्थित रहे,
धरने के अंत में माननीय मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित जिलाधिकारी के माध्यम से निम्न मांगों का ज्ञापन भेजा गया,
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन तक़ न्यूनतम वेतन व 2005 से अब तक का एरियर भुगतान गारंटी किया जाय, मातृत्व व वार्षिक अवकाश के साथ साथ 12 माह का वेतन गारंटी किया जाय, बिना पेंशन व समाजिक सुरक्षा की गारंटी के किसी भी रसोईया कर्मी को सेवा निवृत्त न किया जाय, उत्तराखण्ड मे जातिय आधार रसोईया सुनीता के साथ किए व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो इसकी गारंटी की जाय व उत्तर प्रदेश मे शिक्षा संस्थानो मे इस तरह के जातिय भेदभाव पर कडी कार्यवाही की जाये।