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दस हजार तन्ख्वाह है भइया
घर का खर्चा बहुत बड़ा है।
कैसे जीवन यापन होगा
यह सवाल दिन-रात खड़ा है।।
सागर की भी सीमा होगी
पर संघर्ष असीम है अपना
17 बरस दिए बेसिक को
फिर भी रहा अधूरा सपना
पद सम्मान तो छोड़ो हमसे
योग्यता का शब्द जुड़ा है ।
10,000 तन्खवाह है भइया
घर का खर्चा बहुत बड़ा है।
खर्चों के इस महाकुंभ में
है बीमारी पर्व बारातें
तंगहाली में श्रीमती जी
आठों पहर सुनाती बातें
बात-बात पर कहती मेरे
सब्र का भरने लगा घड़ा है
10,000 तन्खवाह है भैया
घर का खर्चा बहुत बड़ा है
मानदेय है चांद ईद का
महंगाई की रात में आता
फीस दवा राशन सब्जी लें
भरें उधारी समझ न पाता
धन आभाव की ज्वालाओं में
जलना मरना सदा पड़ा है
10,000 तन्खवाह है भइया
घर का खर्चा बहुत बड़ा है
बूढ़े माता-पिता की चिंता
जिम्मेदारी बच्चों की है
निज पैरों पर खड़ा उन्हें कर
शादी ब्याह रचाना भी है
बिटिया कितनी बड़ी हो गई
देख देख कर चैन उड़ा है
10,000 तन्खवाह है भइया
घर का खर्चा बहुत बड़ा है
"इश्तियाक"
प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर देवमई फतेहपुर